सोमवार, अगस्त 15

स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक बधाई/
सत्ता की गलियों में कीचड है पैसे का
नीति की परिस्थिति वृद्धा सी डगमगाई
उजडी सी गलियों को रोते से गांवों को
वित्त की व्यवस्था ने जीभ सी चिढाई
गोल गोल सिक्कों ने कर दिया है "रैशनल"
तुमने ये देश की बात क्यूं चलाई
सपनों मे यू एस ए, बातों मे राष्ट्रवाद
आजकल मदारी ने ऐसी कसम खाई
कागज़ों पे स्याही लीप और बोल अंग्रेज़ी
हमने भी गांव में नयी हवा चलाई
चाशनी में तर गलियां, नेता के आसपास
इस नये धन्धे मे मलाई ही मलाई
उल्टी है परिभाषा उलझे हैं राजकाज
कौन ये सोचे कैसे ये घडी आई
स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक बधाई

1 Comments:

Blogger Amit Tiwari said...

Bahut Badhiya Bhaskar G

3:29 am  

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